देश

नूरसराय बीडीओ राहुल चंद्रा कोरोना से हारे जंग, ड्यूटी के दौरान खराब हुई थी तबीयत, तीन की मौत

Spread the love

बिहारशरीफ
कोरोना की प्रचंडता जिले में थमने का नाम नहीं ले रही है। शनिवार को नालंदा जिले के नूरसराय प्रखंड के बीडीओ राहुल कुमार समेत तीन लोगों की मौत कोरोना से हो गयी है। वहीं दूसरी ओर, पटना के बेलछी ब्लॉक के किरानी रहे चंद्रप्रकाश उर्फ कुक्कू सिंह की मौत पटना आवास में हो गयी। वे हरनौत थाना क्षेत्र के रुपसपुर गांव के रहने वाले थे। इसी तरह, पावापुरी वर्धमान आयुर्विज्ञान संस्थान (विम्स) में मानपुर थाना क्षेत्र के नेबाजी बिगहा गांव निवासी 45 वर्षीया महिला कांति देवी की मौत हो गयी। इसी तरह, पावापलरी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. पीके सिंह भी शनिवार को कोरोना पॉजिटिव हो गये हैं। नूरसराय में विकास की गाड़ी सरपट दौड़ाने के लिए चर्चित रहे बीडीओ राहुल कुमार ने आखिरकार, कोरोना की जंग हार गये। पटना के फोर्ड हॉस्पिटल में शनिवार की रात करीब पौने 10 बजे अंतिम सांस ली। वे सात अप्रैल को नूरसराय अस्पताल में कोरोना एंटीजन जांच में पॉजिटिव पाये गये थे। पॉजिटिव होने के बाद होम आइसोलेशन में चले गए थे। करीब तीन-चार दिन बाद उनकी तबीयत पहले की अपेक्षा अधिक बिगड़ गयी। और, इलाज के लिए पटना के निजी हॉस्पिटल में भर्ती हो गये। वहीं 15 अप्रैल को उनके स्थिति में कुछ सुधार हुआ। 16 अप्रैल को हालात में और सुधार हुआ। 17 अप्रैल को शाम में स्थिति अचानक और बिगड़ गयी। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। लेकिन, कुछ ही देर बाद उनका निधन हो गया। बीडीओ के निधन से पूरा नूरसराय प्रखंड गमगीन हो गया है।

डीएम योगेन्द्र सिंह ने बताया कि राहुल कुमार उनकी टीम का अहम हिस्सा थे। उनके चले जाने से अपूरणीय क्षति हुई है। राहुल कुमार के साढ़ू व पटना जीविका के डीपीएम डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि डीएम योगेन्द्र सिंह ने मेडिकल से संबंधित हर वह सामग्री उपलब्ध करवायी, जिसकी जरूरत पड़ी। चंडी बीडीओ अवधेश कुमार राय ने बताया कि राहुल कुमार उनके छोटे भाई जैसे थे। संक्रमण से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके साथ ही, जिले में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या 16 पहुंच गयी है। जबकि, 582 एक्टिव मामले हैं। सभी संक्रमित होम आइसोलेशन में हैं। महिला कुछ दिनों से बीमार थीं। उन्हें विम्स में भर्ती कराया गया था। जहां, इलाज के दौरान उनकी मौत हुई। विम्स के अस्पताल अधीक्षक डॉ. ज्ञान भूषण ने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए लोगों को हर एहतियात बरतनी चाहिए। लोग अब भी इसकी गंभीरता को नहीं समझ रहे। दो गज की दूरी के साथ मास्क लगाना भी जरूरी है। जब तक हम खुद सुरक्षित हैं। तभी तक दूसरे भी सुरक्षित हैं। कोरोना की जंग में सबों को सख्ती से पेश आना होगा। तभी कोरोना वायरस की शृंख्ला को तोड़ पाएंगे। प्राचार्य प्रो. डॉ. पीके चौधरी ने बताया कि पावापुरी मेडिकल कॉलेज हर आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। इसके लिए आइसोलेशन वार्ड व आईसीयू भी बनाया गया है। लेकिन, सबसे जरूरी लोगों की सतर्कता है। इसके बिना हम कोरोना की जंग नहीं जीत सकते। उन्होंने बताया कि संक्रमितों के संपर्क में आने से ही संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं।

नूरसराय के डॉक्टर समेत 156 कोरोना संक्रमित
नूरसराय अस्पताल के एक डॉक्टर समेत जिला में 156 कोरोना संक्रमण के नए मामले मिले हैं। हिलसा में सबसे अधिक 25 लोग संक्रमित मिले हैं। इसके साथ ही जिला में कोरोना के एक्टिव रोगियों की संख्या 582 हो गयी है। नूरसराय अस्पताल में एंटीजेन टेस्ट में 36 वर्षीय डॉक्टर व रतनपुरा गांव के 35 वर्षीय युवक समेत दो लोग पॉजिटिव मिले हैं। शुक्रवार को भी यहां दो लोग संक्रमित मिले थे। शनिवार को जांच में हिलसा में 25, अस्थावां, बिहारशरीफ, चंडी, नूरसराय में दो-दो, कतरीसराय में 16, परवलपुर में पांच, एकंगरसराय में एक, बिंद में आठ की रिपोर्ट एंटिजेन जांच में पॉजिटिव आयी है। जबकि, आरटीपीसीआर जांच में 64 व ट्रूनेट जांच में 30 सैंपलों की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है।

लापरवाही: अस्पताल को नहीं किया गया सैनिटाइज
नूरसराय अस्पताल में डॉक्टर के संक्रमित मिलने के बाद भी परिसर को सैनिटाइज नहीं किया गया। इससे वहां के स्वस्थ्यकर्मियों में भय का माहौल है। संक्रमित डॉक्टर ने रात में अस्पताल में रोगियों का इलाज किया था। इस दौरान डॉक्टर के  संपर्क में स्वास्थ्यकर्मी के अलावे कई मरीज भी आये थे। ऐसे में यहां की व्यवस्था रामभरोसे ही है।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button
Close