देर से मिल रही जांच रिपोर्ट और उनकी टेस्टिंग रिपोर्ट पर भी नाराज शिवराज सख्त, कड़े निर्देश जारी
भोपाल
कोरोना संक्रमण काल में निजी अस्पतालों की मनमानी की मिल रही शिकायतों के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को अस्पताल और लैब संचालकों की मनमानी को लेकर सख्त तेवर दिखाए हैं. सीएम शिवराज ने अफसरों को निर्देश दिए हैं कि कोई निजी अस्पताल लैब टेस्टिंग करने से आनाकानी करे या लेटलतीफी का हवाला दे तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाए. अब मनमानी करने वालों से सख्ती से निपटा जाए. संकट के समय निजी अस्पताल और लैब संचालकों की मनमानी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
सीएम शिवराज ने शनिवार को कोरोना पर बुलाई बैठक में देर से मिल रही जांच रिपोर्ट और उनकी टेस्टिंग रिपोर्ट पर भी नाराजगी जताई. मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि कोरोना केस की रिपोर्ट 24 घंटे के अंदर मिलना चाहिए. छोटे जिलों में रिपोर्ट कई दिनों की देरी से आ रही है यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसके लिए व्यवस्था बनाना होगी. मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभु राम चौधरी मंत्री विश्वास सारंग और ऐसे सुलेमान को इस बात के निर्देश दिए हैं कि लैब और निजी अस्पतालों से बात कर रिपोर्ट समय पर देने और ज्यादा से ज्यादा टेस्ट करने को कहां है.
मुख्यमंत्री ने इस बात के भी निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के 576 अस्पतालों में कोविड-19 का इलाज चल रहा है. प्राइवेट अस्पताल कोविड-19 इलाज की रेट लिस्ट लगाएं यह सुनिश्चित किया जाए. सार्थक पोर्टल के साथ ही अस्पताल में रेट लिस्ट के डिस्प्ले सुनिश्चित करना होगा. मुख्यमंत्री ने अफसरों को निर्देश दिए हैं की 1075 पर पेट खाली होने की जानकारी मिलती है और अस्पताल बेड नहीं दे रहे तो प्रभारी अधिकारी मरीज को बेड उपलब्ध कराने की व्यवस्था करेंगे.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना की चेन को तोडऩे के लिए अब सख्ती और तेज करने को कहा है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोरोना कर्फ्यू का उल्लंघन ना हो ऐसे गृह विभाग गंभीरता से देखें. इसकी जिम्मेदारी एसीएस होम राजेश राजौरा पर होगी.
प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति को बनाने के लिए केंद्र सरकार की मदद से प्रदेश को राउरकेला बोकारो विशाखापट्टनम से ऑक्सीजन मिलेगी. ऑक्सीजन के ट्रांसपोर्टेशन के लिए मुख्यमंत्री केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और पीयूष गोयल से चर्चा करेंगे.
वहीं प्रदेश में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खरीदी में महाराष्ट्र सरकार के अड़चनें लगाने का आरोप प्रदेश सरकार ने लगाया है. बैठक में बताया गया है कि मध्य प्रदेश ने महाराष्ट्र की निर्माता कंपनियों पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के जो आर्डर दिए थे उन्हें महाराष्ट्र सरकार के दबाव मैं नहीं भेजा जा रहा है. सरकार का आरोप है जी महाराज सरकार प्रदेश में कंसंट्रेटर भेजने पर रोक लगाने के लिए दबाव बना रही है.