दुर्घटनाओं को रोकने के लिये सिविल डेव्हलप करने की आवश्यकता – महालेखाकार साहू

भोपाल
सड़क दुर्घटनाओं में रोकथाम के लिये सरकार द्वारा निरंतर प्रयत्न किये जा रहे है। सड़क दुर्घटनाओं के रोकने और बेहतर यातायात प्रबंधन के लिये प्रधान महालेखाकार (लेखा परीक्षा) ने कहा कि इसके लिये जनता में सिविल सेंस को डेव्हलप करने की आवश्यकता है। अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजौरा ने कहा कि यातायात नियमों के प्रति जागरूकता के लिये स्कूल-कॉलेजों की प्रभावी भूमिका सुनिश्चित करना जरूरी है। एडीजी पीटीआरआई जी. जनार्धन ने बताया कि मध्यप्रदेश के 7 शहरों में इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) लागू किया गया है। मंत्रालय में आयोजित यातायात प्रबंधन से जुड़ी नोडल एजेन्सियों की बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा उक्त विचार व्यक्त किये गये।
महालेखाकार साहू ने कहा कि यातायात नियमों के प्रति सजग और जागरूक रहने पर ही सड़क दुर्घटनाओं में कमी लायी जा सकेगी। इसके लिये सिविल सेंस के इम्प्रुपमेंट की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान(पीटीआरआई) से संबद्ध समस्त नोडल एजेन्सियों के साथ जब सभी स्टेक हॉल्डर मिलकर कार्य करेंगे तभी गृह विभाग बेहतर कार्य कर पाएगा और अपेक्षित परिणाम मिलेंगे।
एसीएस डॉ. राजौरा ने कहा कि दुर्घटना के बाद के सर्वाधिक महत्वपूर्ण एक घंटे (गोल्डन ॲवर) में पीड़ितों को चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने में स्वास्थ्य विभाग को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि आई-रेड पोर्टल के माध्यम से स्वास्थ्य अमले को अपडेट रहना जरूरी है। उन्होंने सभी एजेन्सियों को अपनी-अपनी भूमिकाओं के बेहतर निर्वहन के निर्देश दिए।
एडीजी जी. जनार्धन ने प्रेजेन्टेशन प्रस्तुत करते हुए प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिये किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यातायात प्रबंधन विषय पर परफोर्मेंश ऑडिट के लिये चार महानगरों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर का चयन किया गया है। मध्यप्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी के साथ मृत्यु दर को कम करने और भविष्य में यातायात प्रबंधन में आने वाली चुनौतियों के समाधान के लिये कार्य-योजना तैयार की जाएगी। वर्तमान में प्रदेश में स्मार्ट सिटी और पुलिस द्वारा यातायात के बेहतर प्रबंधन के लिये आईटीएमएस प्रोजेक्ट में भोपाल, जबलपुर, उज्जैन, ग्वालियर, सागर, सतना और इंदौर का चयन किया गया है।
परिवहन आयुक्त मुकेश जैन और एमपीआरआरडीए की सीईओ श्रीमती तन्वी सुन्द्रियाल ने भी सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिये महत्वपूर्ण सुझाव दिये। बैठक में सभी नोडल एजेन्सियों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।