छत्तीसगढ़

तीन सितंबर से कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन रहेगा हड़ताल पर, कर्मचारियों ने पहले जताया काली पट्टी लगाकर विरोध

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रायपुर
देय तिथि से मंहगाई भत्ता देने का निर्णय न लेकर राज्य सराकार प्रदेश के कर्मचारियों की उपेक्षा कर रही हैं। इसी के विरोध में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के आव्हान पर सरकारी कर्मचारी तीन सितंबर से कलम बंद-काम बंद हड़ताल पर जाने वाले है। लेकिन इससे पहले कर्मचारियों ने प्रदेश के समस्त जिला, तहसील, विकासखंडों में कार्यरत कर्मचारी-अधिकारी अपने-अपने कार्यालयों, शालाओं, संस्थाओं में काली पट्टी बांधकर विरोध जताया और  31 अगस्त तक काली पट्टी बांधकर इस विरोध करेंगे। हड़ताल को सफल बनाने पूरे लगाकर सघन संपर्क कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय संयोाजक कमल वर्मा एवं प्रमुख प्रवक्ता विजय झा ने बताया है कि कलम रख मशाल उठा चरणबद्ध आंदोलन के बाद भी राज्य सरकार देय तिथि से मंहगाई भत्ता देने का निर्णय न लेकर प्रदेश के कर्मचारियों की उपेक्षा कर रही है। विगत् दो वर्षों से करोना संक्रमण के योद्धा के रूप में अनेक कर्मचारियों ने अपने प्राण गवाएं हैं। इन विषम परिस्थिति में भी कर्मचारियों की मांगों पर कोई निर्णय न लेना न्याय संगत नहीं है। इसके कारण तीन सितंबर को सामूहिक अवकाश लेकर हड़ताल की घोषणा की गई है। इस आंदोलन में प्रदेश का हर ऐसा शासकीय सेवक जिसे एक जुलाई 2019 से एक जुलाई 2021 तक का मंहगाई भत्ता प्राप्त नहीं हुआ है, वह सामूहिक अवकाश आवेदन भरकर आंदोलन में भाग लेने उत्सुक हैं।

इसी के चलते कर्मचारियों ने प्रदेश के सभी जिला, तहसील, विकासखण्डों में पदस्थ शासकीय सेवकों ने काली पट्टी लगाकर विरोध दिवस का आगाज किया जो 31 अगस्त तक चलेगा। इसके बाद भी अगर सरकार की ओर से देय तिथि से महंगाई भत्ता नहीं दिया जाता है तो कर्मचारी तीन सितंबर से कलम बंद – काम बंद हड़ताल पर चले जाएंगे।

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