डिप्लोमाधारियों का ट्रेनिंग सेवाकाल नहीं जुड़ने से हुए E-0 परीक्षा से वंचित
भिलाई
भिलाई इस्पात सयंत्र में कार्यरत 2008 बैच के ज्यादातर डिप्लोमा इंजीनियर्स हाल ही में घोषित ई -जीरो परीक्षा में पात्रता हासिल करने से चूक गए है। जिसकी मुख्य वजह इनका ट्रेनिंग का सेवाकाल में नही जुड़ना है। सेल में डिग्रेडेशन की मार झेल रहे कर्मचारियों का ट्रेनिंग सेवाकाल में जोड़ने का सर्कुलर वर्ष 2008 अक्टूबर से लागू हुआ है जबकि भिलाई में 2008 में डिप्लोमा इंजीनियर्स की एक बैच ने ज्वाइन किया था, जिसका ट्रेनिंग पीरियड एक वर्ष था। इस बैच को न तो क्लस्टर चेंज में एक वर्ष पूर्व प्रमोशन का लाभ मिला और न ही प्रशिक्षण काल ही जोड़ा गया है। जिसके चलते ज्यादातर डिप्लोमा इंजीनियर्स ई -जीरो की परीक्षा के लिये पात्र नही हुए है।
चार सालों से लंबित है मामला
वर्ष 2008 में ज्वाइन करने वाली एसीटी और ओसीटी बैच के ट्रेनिंग सेवाकाल में जोड़ने के मामले में प्रबंधन ने कारपोरेट आफिस एक फाइल भेजी थी । जिसका निराकरण आज तक नही हो पाया है । वहीं श्रमिक संगठनों द्वारा दायर परिवाद पर भी अभी तक कोई निर्णय नही हुआ है । डिप्लोमा इंजीनियर्स को अब तक प्रबंधन और श्रमिक संगठनों से सिवाय कोरा आश्वासन कुछ भी हासिल नही हुआ है।
हाट शाप के कर्मियों को राहत
एसएमएस-2 , ब्लास्ट फर्नेस जैसे हाट शाप में काम करने वाले डिग्रीधारी ओसीटी क्लस्टर चेंज में छह महीने से एक साल तक का लाभ ले चुके है। जिसके कारण इनके बैच के साथी कर्मचारी इनसे पीछे रह गए है । यदि समय रहते इन कर्मियों के मामले में प्रबंधन और यूनियन गंभीर प्रयास करते तो ऐसे अवसर पर इन कर्मियों को ई -जीरो पात्रता से हाथ धोना नही पड़ता।
ई -जीरो परीक्षा प्रबंधन की मर्जी पर
2008 बैच के कर्मियों में हताशा की मुख्य वजह ई -जीरो परीक्षा का नियमित अंतराल में न होना है । जहां वर्ष 2010 के बाद आठ साल के अंतराल में परीक्षा का आयोजन हुआ था। वहीं अब 2022 में चार साल बाद परीक्षा आयोजित हो रही है । प्रबंधन द्वारा पालिसी को गंभीरता से नही लिए जाने से डिप्लोमा इंजीनियर्स अपने भविष्य को लेकर आशंकित है। उनके द्वारा प्रबंधन से गुहार लगाई जा रही है।