जॉनसन एंड जॉनसन ने भारत से मांगी फेज-3 के ट्रायल की मंजूरी, लाइसेंस भी मांगा
नई दिल्ली
बहुराष्ट्रीय फार्मा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन अपनी सिंगल डोज वैक्सीन के लिए भारत में तीसरे फेज के ट्रायल के लिए मंजूरी मांगी है। जॉनसन एंड जॉनसन ने भारत के ड्रग रेगुलेटर को अपनी कोविड-19 वैक्सीन की सिंगल डोज के फेज-3 के क्लिनिकल ट्रायल के लिए आवेदन दिया है। इसके साथ ही कंपनी ने आयात लाइसेंस की भी अनुमति मांगी है। भारत ने वैक्सीनेशन अभियान को तेज करने के लिए विदेशों में निर्मित वैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी देने की प्रक्रिया में तेजी लाई है। जॉनसन एंड जॉनसन के मुताबिक कंपनी ने अपने आवेदन पर निर्णय लेने के लिए केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) को कोविड-19 पर विशेषज्ञ समिति की बैठक जल्द बुलाने की अपील की है। कंपनी ने 12 अप्रैल को ऑनलाइन पोर्टल के जरिए ग्लोबल क्लिनिकल ट्रायल डिवीजन भारत में मंजूरी के लिए आवेदन किया था। हालांकि कुछ अन्य कारणों की वजह से कंपनी ने सोमवार (19 अप्रैल) को दोबारा आवेदन किया है।
जॉनसन एंड जॉनसन की कोरोना वैक्सीन सिंगल डोज वाली है। जबकि भारत में अब तक मंजूर किए तीनों वैक्सीन डबल डोज वाली है। भारत में कोविड-19 से बचाव के लिए तीन वैक्सीन को मंजूरी दी गई है। पहली- कोविशील्ड, जो ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा बनाई है। भारत में कोविशील्ड को सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाया जा रहा है। दूसरी- कोवैक्सीन, जिसे हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक कंपनी ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के साथ मिलकर बनाया है। तीसरी रूस द्वारा विकसित की गई स्पुतनिक V को मंजूरी दी गई है। रूस की स्पुतनिक V वैक्सीन को भारत समेत 60 देशों में मंजूरी मिली है। 1 मई से 18 वर्ष के पार वालों को भी दी जाएगी वैक्सीन भारत में अब 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को 1 मई 2021 से कोरोना वायरस की वैक्सीन दी जाएगी। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सोमवार को ये फैसला लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक अहम बैठक में ये फैसला किया गया है। 1 मई से भारत में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान अपने तीसरे चरण में प्रवेश करेगा।