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जन्माष्टमी कल, कान्हा की कृपा पाने के लिए पूजा में शामिल करें ये चीजें

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 नई दिल्ली 
हिंदू धर्म में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का विशेष महत्व है। भगवान श्रीकृष्ण को विष्णु जी का अवतार माना जाता है। देशभर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन भक्त भगवान की झांकियां निकालने के साथ ही उनका आशीर्वाद पाने के लिए विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने के साथ ही व्रत भी रखते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, जन्माष्टमी का त्योहार हर साल भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से यह त्योहार अगस्त-सितंबर महीने में पड़ता है। इस साल जन्माष्टमी का पर्व 30 अगस्त (सोमवार) को मनाया जाएगा।

जन्माष्टमी का शुभ समय-

निशीथ पूजा मुहूर्त- रात 23:59:27 बजे से रात 24:44:18 बजे तक
अवधि- 44 मिनट
जन्माष्टमी पारण मुहूर्त- 31 अगस्त को सुबह 05:57:47 बजे के बाद।

मथुरा के मंदिरों में कृष्ण जन्माष्टमी की तैयारियां शुरू, बांके बिहारी मंदिर में मध्य रात्रि से शुरू होंगे दर्शन

पूजा में शामिल करें ये चीजें-

बालगोपाल के लिए झूला, बालगोपाल की लोहे या तांबे की मूर्ति, बांसुरी, बालगोपाल के वस्त्र, श्रृंगार के लिए गहने, कुमकुम, अक्षत, मक्खन, गंगाजल, धूप बत्ती, कपूर, केसर, सिंदूर, सुपारी, बालगोपाल के झूले को सजाने के लिए फूल, तुलसी के पत्ते, चंदन, पान के पत्ते, पुष्पमाला, कमलगट्टे, तुलसीमाला, धनिया खड़ा, लाल कपड़ा, केले के पत्ते,  शहद, शकर, शुद्ध घी, दही, दूध और मिश्री आदि।

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