गृह विभाग के निर्देश, राजस्व अधिकारियों को भी मिलेगा न्यायाधीश संरक्षण
भोपाल
प्रदेश में राजस्व न्यायालय के किसी फैसले के गलत होने पर पुलिस किसी राजस्व अधिकारी के विरुद्ध क्रिमिनल केस दर्ज नहीं करेगी। गृह विभाग ने प्रमुख सचिव राजस्व द्वारा राजस्व न्यायालयों के पीठासीन अधिकारियों को न्यायाधीश संरक्षण का अधिकार होने का पत्र जारी करने के बाद सभी कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को इसका पालन करने के लिए कहा है।
प्रमुख सचिव राजस्व मनीष रस्तोगी ने राजस्व न्यायालय के समस्त पीठासीन अधिकारी जो मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 31 अथवा किसी विधिक प्रावधान के अन्तर्गत अर्द्ध-न्यायिक/न्यायिक कार्यवाही कर रहे हैं, उन्हें न्यायाधीश संरक्षण देने की बात कही है। इसमें कहा गया है कि न्यायाधीश (संरक्षण) अधिनियम 1985 की धारा 2 के अन्तर्गत ये न्यायाधीश हैं और उन्हें ऐसी अर्द्ध-न्यायिक/न्यायिक कार्यवाही के दौरान किए गए किसी कार्य के विरुद्ध सिविल अथवा क्रिमिनल कार्यवाही से अधिनियम की धारा 3(2) के अधीन रहते हुए संरक्षण प्राप्त है। यानी इन पर कार्यवाही पुलिस नहीं कर सकती है। प्रमुख सचिव के इस पत्र के बाद गृह सचिव सभी कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को इसका पालन करने के निर्देश जारी किए हैं।