गाय की सेवा ईश्वर भक्ति के समान है : राज्य मंत्री यादव
भोपाल
भारतीय संस्कृति में गाय को माता के रूप में पूजा जाता है। गौमाता को ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था की धुरी भी कहा गया है। गाय का दूध, गोबर और गौमूत्र मानव जीवन में बहुत उपयोगी होता है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्य मंत्री बृजेन्द्र सिंह यादव ने चंदेरी के खन्डारगिरि में गौशाला के शुभारम्भ अवसर पर ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि स्व. अरुण कठरैया की स्मृति में उनके परिजनों द्वारा गौशाला का निर्माण सराहनीय कार्य है। राज्य मंत्री ने कहा कि गाय की सेवा ईश्वर भक्ति के समान है। गौमाता हमारे जीवन के प्रारंभ से अंत तक के हर पड़ाव पर हमें कुछ न कुछ देती ही रहती हैं।
राज्य मंत्री यादव ने गौशाला के लिये पाँच हजार लीटर क्षमता वाली पानी की टंकी तथा यहाँ की विद्युत व्यवस्था के लिये लग रहे 20 पोलों (खम्बों) पर केवल वायर लगवाने का खर्च स्वयं की ओर से करने की सहमति दी। यादव ने जरूरत के अनुसार गौशाला में एक हैण्डपम्प पीएचई विभाग की ओर से लगवाने का आश्वासन भी दिया। यादव ने कहा कि गौसेवा के निमित्त वे भी यहाँ आते रहेंगे और गौशाला के बेहतर संचालन में अपेक्षित हर संभव सहयोग जरूर करेंगे।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्य मंत्री यादव खन्डारगिरि में आयोजित जैन मुनि के कार्यक्रम में पहुँचे और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने अपनी ओर से 501 रुपये दान देकर एक 'गुल्लक'' भी प्राप्त की। अब एक माह तक इस गुल्लक में दान राशि का संग्रह करने के पश्चात इसमें एकत्रित राशि गौशाला के संचालन के लिये समर्पित कर दी जायेगी।
इस अवसर पर जन-प्रतिनिधि, गौशाला संचालन से जुड़े कठरैया परिवारजन तथा आम नागरिक उपस्थित थे।