गांव-गांव में सजने लगा खाद बीज और कीटनाशक दवाइयों का काला बाजार
जांजगीर
मानसून की शुरूआत के साथ ही खेती किसानी भी शुरू हो गई और इसी के साथ अवैध खाद बीज दवाई बिक्री का कारोबार भी गाव मे शुरू हो चुका है जिनकी ओर फिलहाल प्रशासन का ध्यान नही है।
क्षेत्र में इन दिनों सड़क किनारे बड़े-बड़े बेनर होल्डर में कृषि खाद बीज व किटनाशक दवाइयों का खूब जोर-शोर प्रचार किया जा रहा है तो वही आधे से ज्यादा दुकानदारो के पास तो लाइसेंस ही नही है। कुछ ऐसे भी व्यापारी है जो कि बिना लाइसेंस के खाद,बीज व कीटनाशक दवाइयों को छोटे से छोटे गल्लों के आड़ में बिना किसी डर भय के धड़ल्ले से बेचते हैं। मामला यही नही थमता अधिकतर दुकान संचालक उधारी देने के आड़ में किसानों से डेढगुना मुनाफे उठाते हैं।
ऐसा नही है कि जिम्मेदार अधिकारियों को इसकी जानकारी नही है जबकि विभाग के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी गांव-गांव में किसानों के बीच सम्पर्क में रहते है व विभागीय योजनाओं के बारे में जानकारी देते रहते है गांव की कृषि संबंधित सभी हल चाल से वाकिफ रहते है ऐसे में खाद,बीज,दवाई के अवैध कारोबार की जानकारी विभाग को नही होने वाले कथन को ऐसे माना जा सकता हैं।
जो जानकारी मिली है उनकी माने तो के व्यापारी किसानों को खाद,बीज, दवाइयों को उधारी मे देते है मगर उसके ऐवज में बाद मे वे किसानों से डेढगुना ज्यादा रकम भी वसूल करते हैं। इस तरह के अवैध कारोबार में लिप्त बड़े व्यापारियो द्वारा बिना लाइसेंस के कारोबार कर शासन को करोड़ो का चुना लगा रहे है वही अधिक मुनाफा के लिये गुणवक्ता विहीन बीज,खाद व दवाई बेचा जाता हैं जिसके कारण पैदावार कम हो जाता है और जागरूकता के अभाव में किसानों द्वारा मौसम या अन्य कारणों से पैदावार कम होने की बात को स्वीकार कर लिया जाता हैं।
पीओएस मशीन के द्वारा ही खाद व्यापारी को किस किसान को कितना खाद दिया गया है वह दशार्ना होता है जिससे वह आॅनलाईन होने के कारण सरकार को किसानों को कितनी खाद बांटी गयी है पता चलता है चूँकि ऐसा नही होने के कारण सरकार को सही जानकारी नही मिल पाती व खादों का कालाबाजारी शुरू हो जाता हैं। वही क्कह्रस् मशीन खाद व्यपारियों को सरकार ही उपलब्ध कराती है। लेकिन कृषि विभाग के आलाधिकारियों द्वारा अभी तक सभी खाद व्यापारियों को यह मशीन नही दिया गया हैं।
शासन द्वारा किसानों के लिये खाद,बीज और दवाइयों की व्यवस्था की गयी है परंतु जटिल प्रक्रिया और कुछ सोसायटियो में दलाली प्रथा,,कुछ छोटे किसानों के रकबा कम होने और अधिकतम दूरी के चलते गांव में उपलब्ध व्यापारियो के लुभावने उधारी वाले स्किम में आकर मजबूरी में अवैध कारोबारीयों के चंगुल में फंस जाते हैं।
अगर कोई बिना अनुमति के खाद या दवाई बेच रहा है तो उसकी जानकारी हमें नही है, अगर कोई व्यक्ति खाद,बीज या दवाई को गलत तरीके व बिना लाइसेंस के बेच रहा होगा तो हमें बताये। रही बात पीओएस मशीन में एंट्री की तो अपने उच्चअधिकारियों से चर्चा कर बता पाउँगा।
आशीष मरावी
कृषि विस्तार अधिकारी,हसौद