क्रिकेटखेल

क्रिकेटर नहीं डांसर बनना चाहती थी मिताली 

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नई दिल्ली
'वो शान है देश की, वो मान है देश की, वो पहचान है देश की, वो आन है देश की', ये लाइनें पूरी तरह से भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कैप्टन मिताली राज पर फिट होती हैं। जिन्होंने अपने खेल से एक बार फिर से ये साबित कर दिया कि अगर आप शिद्दत से अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश करते हैं तो मंजिल खुद ब खुद आपके कदम चूमती हैं। 38 वर्ष की मिताली राज ने क्रिकेट के मैदान में आज इतिहास रचा है, उन्होंने इंटरनेशनल वनडे क्रिकेट में दस हजार रन पूरे किए हैं और ऐसा करने वाली वो भारत की पहली और विश्न की दूसरी महिला क्रिकेटर हैं।

 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने 10,000 रन पूरे किए इंडियन महिला क्रिकेट टीम की सचिन तेंदुलकर कही जाने वाली मिताली ने ये कारनामा अपने 212वें वनडे मैच में किया है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे वनडे मैच में मिताली राज ने 10 हजार रनों का आंकड़ा पार किया। बताते चले कि मिताली दक्षिण अफ्रीका की तेज गेंदबाज एनी बोश की गेंद पर चौका लगाकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने 10,000 रन पूरे किए हैं। 

कुशल नृत्यांगना बनना चाहती थीं मिताली राज आपको जानकर हैरत होगी कि भारत की ये महान क्रिकेटर कभी खिलाड़ी नहीं बनना चाहती थी। जी हां, मिताली ने बचपन में क्रिकेटर बनने का सपना नहीं देखा था, बल्कि वो तो एक कुशल नृत्यांगना बनना चाहती थीं लेकिन उन्हें क्या पता था कि आगे चलकर वो भारत में महिला क्रिकेटरों के लिए आदर्श बन जाएंगी और सफलता की नई इबादत लिखेंगी। 

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