भोपालमध्य प्रदेश

क्राइसिस मैनेजमेंट बैठक, बोले मुख्यमंत्री- बढ़ाएंगे सुविधाएं

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भोपाल
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना मरीजों पर रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं लगाने की चेतावनी जारी है, इसके बाद भी भारत में इसके लिए मारामारी मची हुई है। इसे लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। दूसरी ओर सांसद, विधायकों और क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में इंदौर, उज्जैन और जबलपुर से लॉकडाउन बढ़ाने का सुझाव आया है। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जो बेहतर स्वास्थ्य सुविधा है उसके लिए सरकार तत्पर है। लोग भी सहयोग करें।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जिस तेजी से कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है, सरकार बेहतर से बेहतर व्यवस्था करने में जुटी है लेकिन लोगों का सहयोग मिलने पर ही व्यवस्था काम आ सकेगी। सांसदों, विधायकोंं तथा जिला आपदा प्रबंधन समूह के सदस्यों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान सीएम चौहान ने कहा प्रदेश में 66 प्रतिशत रोगी आइसोलेशन में हैं और 32707 केस सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि 11 अप्रेल को ज्योतिबा फुले की जयंती से अंबेडकर जयंती 14 अप्रेल तक टीका उत्सव रहेगा। इसके पहले अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मो. सुलेमान ने कोरोना के हालातों पर प्रजेंटेशन दिया। बैठक में इंदौर, जबलपुर, उज्जैन, ग्वालियर के सांसदों, विधायकों ने सुझाव दिए। इस दौरान जबलपुर, इंदौर और उज्जैन के सांसद -विधायकों ने कोरोना की चैन तोड़ने के लिए लॉक डाउन की अवधि बढ़ाने का सुझाव दिया। उज्जैन में सांसद अनिल फिरोजिया, मंत्री मोहन यादव व पूर्व मंत्री पारस जैन ने लाक डाउन आठ से दस दिन बढ़ाने को कहा। सीएम ने कहा कि क्राइसेस ग्रुप्स के सुझावों को मान्य किया जाएगा।

सीएम चौहान ने कहा कि रेमिडिसीवर इंजेक्शन की उपलब्धता पर काम हो रहा है। दो हजार इंजेक्शन टेंडर के बगैर सीधे आदेश कर खरीदे गए हैं। बाकी के लिए टेंडर करा रहे हैं। एक लाख इंजेक्शन सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध कराने का काम हो रहा है। साथ ही प्राइवेट अस्पतालों में व्यवस्था बनी रहे, इसके लिए अस्पतालों का कम्पनी से टाइअप करा रहे हैं। बड़े शहरों भोपाल, इंदौर में खाली इमारतों को कोविड केयर सेंटर बनाने के लिए एसीएस गृह राजेश राजौरा को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

सीएम चौहान ने आक्सीजन उपलब्धता के लिए राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम बनाने को कहा जिसका प्रभारी खाद्य सुरक्षा आयुक्त पी. नरहरि को बनाया गया है। लोगों से सीएम चौहान ने अपील की कि जितनी जरूरत हो, उतनी ही आक्सीजन की डिमांड करें। आक्सीजन का संकट नहीं है। अतिरिक्त व्यवस्था की गई है। कृत्रिम कमी पैदा करने की कोशिश न की जाए।  बैठक में आक्सीजन की व्यवस्था की समीक्षा में बताया गया कि तीन दिन पहले 60 मीट्रिक टन आक्सीजन प्रदेश को मिल रही थी लेकिन यूपी, गुजरात और महाराष्ट्र से बात के बाद अब भिलाई से आक्सीजन आ रही है और कल तक 180 मीट्रिक टन आक्सीजन मिल चुकी है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जिस तेजी से कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है, उससे यह संभावना बन रही है कि इस माह के अंत तक प्रदेश में एक लाख कोरोना एक्टिव केस पहुंच जाएंगे। इसलिए लोगों से अपील है कि सहयोग करें। अनावश्यक घर से न निकलें। स्वास्थ्य ठीक रहेगा तो सब ठीक होगा। सरकार बेहतर से बेहतर व्यवस्था करने में जुटी है लेकिन लोगों का सहयोग मिलने पर ही व्यवस्था काम आ सकेगी। इस बीच 368 वेंटिलेटर आज मप्र पहुंच रहे हैं। वेंटिलेटर मंगलवार को बंगलुरू से रवाना हुए थे।

सीएम चौहान ने आज कोविड नियंत्रण में जुटे स्वास्थ्य विभाग के नर्सेस, विभागीय स्टाफ, कम्पाउंडर, पैथालाजी और रेडियोलाजी से संबंधित स्टाफ तथा आशा कार्यकर्ताओं के साथ वर्चुअल संवाद किया। इसके लिए हर जिले में 10 से 15 कर्मचारियों को वीसी के लिए एनआईसी में बुलाया गया था। शेष कर्मचारी एनआईसी द्वारा जारी वेबकास्ट लिंक से जुड़े।

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