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कोरोना: राज्यों से निकली यह बड़ी गुड न्यूज

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नई दिल्‍ली
ऐसे वक्‍त में जब भारत में कोरोना वायरस के एक लाख मामले होने पर डर है, एक आंकड़ा राहत दे रहा है। दरअसल, भारत का रिकवरी रेट (टोटल कन्‍फर्म मामलों के मुकाबले ठीक होने वाले पेशेंट्स का रेशियो) लगातार बढ़ रहा है। इसका मतलब ये है कि कोविड-19 को मात देने वालों की संख्‍या रोज बढ़ रही है। मई के शुरुआती दिनों में जब भारत में कोरोना के केसेज बढ़ने शुरू हुए, तब रिकवरी रेट 25 पर्सेंट के करीब था। इस वक्‍त यह 38.7% हो गया है। नंबर्स के हिसाब से देखें तो मंगलवार सुबह 8 बजे तक देश में कोरोना के 1,01,139 मामले थे। इनमें से 39,174 मरीजों को ठीक होने के बाद अस्‍पताल से छुट्टी मिल चुकी है।

इन राज्‍यों में ठीक हो रहे अधिकतर मरीज
देश के वे राज्‍य जहां आबादी बहुत राज्‍य ज्‍यादा है, मसलन उत्‍तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्‍थान और तेलंगाना में कोविड-19 का रिकवरी रेट 58% से 63% के बीच है। पंजाब और हरियाणा जो कि खेती/इंडस्ट्रियल सेंटर्स हैं, वहां रिकवरी रेट 70% से ज्‍यादा है। भारत में कोरोना पेशेंट्स की रिकवरी को दिल्‍ली, गुजरात, एमपी से भी समझा जा सकता है। ये वे राज्‍य हैं जहां केसेज की संख्‍या बहुत ज्‍यादा है। यहां पर भी रिकवरी रेट 40% से ज्‍यादा है। यानी हर 10 में से 4 कोरोना के मरीज रिकवर हो रहे हैं।

एक राज्‍य ने बिगाड़ा नैशनल एवरेज
पूरे भारत की तस्‍वीर देखने पर पता चलता है कि 23 राज्‍य/केंद्रशासित प्रदेशों में रिकवरी रेट 40% से ज्‍यादा है। 17 राज्‍यों/केंद्रशासित प्रदेशों में यह आंकड़ा 50% या उससे ज्‍यादा हो जाता है। 50% से ज्‍यादा के रिकवरी रेट का सीधा मतलब ये है कि वहां कोरोना के इन्‍फेक्‍शंस कम सामने आ रहे हैं, लोग ज्‍यादा ठीक हो रहे हैं। देश के रिकवरी रेट को सबसे तगड़ी चोट दी है महाराष्‍ट्र ने। वहां 35 हजार से ज्‍यादा मामले हैं और रिकवरी रेट 24% है।

ये आंकड़े भी बाकी दुनिया से बेहतर
भारत में प्रति लाख आबादी पर कोरोना के मामलों की संख्या 7.1 है। ग्‍लोबल लेवल पर यह आंकड़ा प्रति लाख आबादी पर 60 मामलों का है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के हवाले से केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने कहा है कि सोमवार तक दुनिया भर में कोरोना वायरस के 45,25,497 सामने आए हैं यानी संक्रमण की दर प्रति एक लाख आबादी पर 60 लोगों की है। मंत्रालय ने कहा कि भारत में अब तक प्रति एक लाख आबादी पर कोविड-19 से मौत के करीब 0.2 मामले आए हैं। जबकि दुनिया का आंकड़ा 4.1 मृत्यु प्रति लाख का है।

100 से एक लाख केस पहुंचने में लगे 62 दिन
भारत में कोरोना वायरस के 25 हजार मामले होने में 86 दिन का वक्‍त लगा था। अगले 11 दिन में केसेज डबल होकर 50 हजार तक पहुंच गए। उसके अगले हफ्ते में मामलों की संख्‍या 75 हजार पार हो गई। 75 हजार से एक लाख तक पहुंचने में भारत को सिर्फ 5 दिन लगे। आंकड़े देखें तो 100 से एक लाख केसेज तक पहुंचने में 62 दिन का वक्‍त लगा। एक लाख केसेज पर भारत का ग्रोथ रेट 5.1 है जो कि दुनिया में नीचे से चौथे पायदान पर है।

इन राज्‍यों को करना होगा कंट्रोल
महाराष्‍ट्र में रोज कोरोना के 2,000 से ज्‍यादा केसेज आ रहे हैं। एनालिस्‍ट्स के मुताबिक, गुजरात और महाराष्‍ट्र में मामले सामने आने की दर नैशनल एवरेज से कहीं ज्‍यादा है। महाराष्‍ट्र और गुजरात में प्रति 10 लाख आबादी पर डेथ रेट भी ज्यादा है। गुजरात का फैटलिटी रेट 10.33% हैं, वहीं महाराष्‍ट्र का 9.81% प्रति 10 लाख।

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