भोपालमध्य प्रदेश

कैबिनेट: किसानों के लिए कई अहम फैसलों पर मुहर, खेती के लिए आठ घंटे बिजली

Spread the love

भोपाल
मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री किसान उर्जा  सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान कुसुम योजना सी के घटक फीडर सोलराईजेशन के अंतर्गत सभी कृषि फीडर्स को सौर उर्जा से उर्जीकृत(सोलराइजेशन) किया जाएगा। इस योजना से  किसानों को  कृषि फीडर्स पर  दिन में आठ घंटे तक कृषि आवश्यकताओं के लिए बिजली मिल सकेगी। इसके अलावा किसानों को बिना ब्याज के कर्ज आगे भी लगातार मिलता रहेगा। इन दोनो प्रस्तावों पर आज कैबिनेट बैठक में चर्चा की गई।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में  कुसुम योजना के तीसरे चरण को लागू करने पर विचार किया गया। इस योजा के तहत प्रदेश के सात हजार 996 कृषि फीडरों को सौर उर्जा से उर्जीकृत किया जाएगा।इसके लिए एक हजार 250 मेगावाट क्षमता के सौर उर्जा संयंत्रों की स्थापना की जाएगी। इससे ढाई लाख से ज्यादा किसानों के खेतों में पंप से सिचाई हो सकेगी। इससे प्रदेश को एक हजार करोड़ रुपए से अधिक की बचत होगी। राज्य सरकार किसानों को हर साल सस्ती बिजली देने के लिए  14 हजार 800 करोड़ रुपए का अनुदान देती है।

इसमें कमी आएगी और किसानों को दिन में बिजली की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी। नवीन एवं नवकरणीय उर्जा की क्षमता प्रदेश में पांच हजार 100 मेगावाट हो गई है। इसमें और वृद्धि होंने की संभावना है। इसे देखते हुए ही राज्य सरकार कुसुम योजना का विस्तार करने जा रही है। कृषि फीडर पर एक हजार 250 मेगावाट क्षमता के सौर उर्जा संसंत्र स्थापित किए जाएंगे। ये स्वयं, लीज या शासकीय भूमि पर स्थापित किए जाएंगे।  सौर संयंत्र की क्षमता एक  उप केद्र से जुड़े कृषि फीडर पर कुल वार्षिक विद्युत खपत के आधार पर तय होगी। इसके लिए संयंत्र से विद्युत उपकेद्र तक पारेषण लाईन की स्थापना एजेंसी स्वयं करेगी। विद्युत वितरण कंपनी की सेवा सशुल्क ली जाएगी। सौर उर्जा संयंत्रों से उत्पादित बिजली सरकार 25 साल तक खरीदेगी।

विद्युत बिलों में राहत योजना
मुख्यमंत्री विद्युत बिलों में राहत योजना के तहत कोरोना महामारी के दौरान प्रदेश के निम्न आय वर्ग वाले घरेलु उपभोक्ताओं को बिजली भुगतान में आ रही कठिनाई को देखते हुए उनके बिलों की बकाया राशि का निराकरण कर उहें यिमित बिल भुगतान के लिए प्रेरित करने के लिए मुख्यमंत्री विद्युत बिलों में राहत योजना लागू करने पर भी विचार किया गया।एक अप्रैल 2022 के बाद जारी किए जाने वाले बिलों में यह छूट दी जाएगी। इसमें एक किलोवाट तक के संयोजित भार वाले सभी घरेंलु उपभोक्ताओं को जिनकी 31 अगस्त 2020 की स्थिति मे बकाया मूल राशि और अधिभार की वसूली स्थगित की जाएगी। योजना में बकाया संपूर्ण राशि मूल एवं अधिभार माफ किया जाएगा। यह राशि राज्य सरकार और बिजली कंपनी आधा-आधा वहन करेगी।

किसानो को बिना ब्याज के कर्ज जारी रहेगा-किसानो को बिना ब्याज के कर्ज जारी रखने पर भी चर्चा की गई। इसके अलावा  जबलपुर मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की सीट150 से बढ़ाकर 250 पर भी विचार किया गया  वन ग्राम को राजस्व ग्राम में  बदले  के प्रस्ताव परभी विचार किया गया।

Tags
Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button
Close