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केंद्र के कृषि कानूनों की कॉपियां जलाकर किसानों ने मनाया होलिका दहन

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नई दिल्ली
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले किसानों ने रविवार को होलिका दहन के दौरान केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई। मोर्चा ने एक बयान में कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों ने सीमाओं पर होली मनाई और यह सुनिश्चित किया कि उनका आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कि कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाता। मोर्चे ने कहा कि पांच अप्रैल को एफसीआई बचाओ दिवस मनाया जायेगा और देशभर में सुबह 11 बजे से शाम पांच बजे तक भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के कार्यालयों को घेराव किया जायेगा। बयान में कहा गया है, ''सरकार ने अप्रत्यक्ष रूप से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) को समाप्त करने के लिए कई प्रयास किए हैं। पिछले कुछ वर्षों में एफसीआई का बजट भी घटा है। हाल ही में, एफसीआई ने फसलों की खरीद के नियमों में भी बदलाव किया है।'' एसकेएम ने हरियाणा विधानसभा में सार्वजनिक संपत्ति क्षतिपूर्ति वसूली विधेयक-2021 को पारित किए जाने की निंदा करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य आंदोलनों को दबाना है।

किसानों ने होल्ला मोहल्ला उत्सव में सभा की
वहीं, केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनों की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने रविवार को पंजाब के आनंदपुर साहिब में होल्ला मोहल्ला उत्सव में एक सभा की। किसाना दा महाकुंभ में बड़ी संख्या में किसानों ने शिरकत की जिसे किसान संघों के वरिष्ठ नेताओं ने संबोधित किया। वक्ताओं ने तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की और उनकी मांगों को नज़रअंदाज़ करने को लेकर केंद्र सरकार को चेताया। उन्होंने कहा कि किसान चार महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन भाजपा नीत केंद्र सरकार ने उनकी मांगों को अबतक नहीं माना है। किसान नेता रूलदू सिंह ने कहा कि तीन कृषि कानून छोटे व्यापारियों समेत समाज के हर तबके को प्रभावित करेंगे।

 

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