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कमेटी के केवल अपनी राय दे सकती है , फैसला तो जज ही लेंगे-CJI

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नई दिल्ली
किसानों को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी से भूपिंदर सिंह मान के अलग होने पर शीर्ष अदालत ने टिप्पणी है. सुप्रीम कोर्ट ने एक अन्य मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि लोगों को समझने में कुछ भ्रम है. समिति का हिस्सा होने से पूर्व एक व्यक्ति की कोई राय हो सकती है, लेकिन उसकी राय बदल भी सकती है.

चीफ जस्टिस (CJI) एसए बोबडे ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि एक व्यक्ति ने इस मामले पर विचार रखा, वह समिति का सदस्य होने के लिए अयोग्य नहीं हो सकता, कमेटी के सदस्य कोई जज नहीं होते हैं. कमेटी के सदस्य केवल अपनी राय दे सकते है, फैसला तो जज ही लेंगे. असल में, कोर्ट ने लीगल सर्विस अथॉरिटी के जरिये अपील दाखिल होने में हो रही देरी को लेकर एक कमेटी बनाई और उसी दौरान ये टिप्पणी की.

सुझाव के लिए वेबसाइट बनाने पर विचार

इधर, किसानों के मुद्दे पर बनी कमेटी के सदस्यों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, हम सभी पक्षों से मिलेंगे. इसमें किसान संगठन, केंद्र सरकार और राज्य सरकारें शामिल हैं. हमें सबका हित देखना है, खासकर किसानों का. सभी पक्षों को सुनने के बाद हम अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेंगे. किसानों के साथ पहली बैठक 21 जनवरी को होगी. हम सभी किसान संगठनों को कहना चाहते हैं कि वो हमसे आ कर मिलें. हम एक वेबसाइट बनाने की भी सोच रहे है ताकि सबके सुझाव ले सकें.

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