कमिश्नर डा. अलंग ने अपने और अपर आयुक्त चौहान के बीच कार्यों का किया बंटवारा
बिलासपुर
बिलासपुर संभाग के संभागायुक्त डा. संजय कुमार अलंग ने अपने और अपर आयुक्त कुमार लाल चौहान के बीच कार्यों का बंटवार कर दिया है। संभागायुक्त के अंतर्गत आने वाले जिलों के कलेक्टर द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ होने वाली अपील की सुनवाई करेंगे।
जारी आदेश में डा.अलंग महीने के प्रत्येक मंगलवार और बुधवार को कमिश्नर कोर्ट में प्रकरणों की सुनवाई करेंगे। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में विभिन्न विभागों के लगने वाले प्रकरणों में जवाब दावा पेश करने के लिए प्रभारी अधिकारी नियुक्त करने की जिम्मेदारी अपर आयुक्त कुमार चौहान को दिया है। बिलासपुर संभाग में नवपदस्थ अपर आयुक्त कुमार लाल चौहान (आइएएस) द्वारा पदभार ग्रहण करने के पश्चात संभागायुक्त डा अलंग ने पूर्व में जारी कार्य विभाजन आदेश को निरस्त करते हुए प्रकरणों की सुनवाई के अलावा कार्यालयीन कार्यों के निष्पादन के लिए अपने और अपर आयुक्त के बीच नए सिरे से कार्य का बंटवार कर दिया है।
ऐसे करेंगे कार्य
संभागायुक्त डा. अलंगसुनवाई का क्षेत्राधिकार – जिला बिलासपुर, कोरबा, जांजगीर-चांपा, रायगढ़, मुंगेली एवं गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिलों के कलेक्टर के आदेशों के विरूद्ध समस्त प्रकरण, अनुविभाग-बिलासपुर, कोरबा, कटघोरा, पाली, जांजगीर-चांपा, सक्ती, पथरिया, घरघोड़ा एवं मुंगेली के समस्त प्रकरण, जिला स्तरीय ओवर साइट कमेटी, भारतीय स्टांप एक्ट के अंतर्गत समस्त प्रकरण, राष्ट्रीय राजमार्गों के पुनर्वास और उन्न्यन के लिए भूमि के अधिग्रहण से उत्पन्न् मध्यस्थता के आर्बिट्रेटर का रहेगा।
अपर आयुक्त कुमार लाल चौहान
अनुविभाग-बिल्हा, कोटा, तखतपुर, मस्तूरी, पेंड्रारोड, मरवाही, पोड़ी-उपरोड़ा, लोरमी, पामगढ़, डभरा, सारंगढ़, खरसिया, धरमजयगढ़, रायगढ़ एवं लैलूंगा के समस्त प्रकरण का कार्य देखेंगे। प्रशासनिक कार्य – भू-अर्जन, पुर्नवास एवं पुर्नस्थापन के प्रकरण, इंडस्ट्रियल कारीडोर के प्रकरणों में कार्रवाई, सीएसआर, स्वच्छ भारत अभियान, नगरीय निकाय एवं पंचायत निर्वाचन से संबंधित प्रकरण, धान खरीदी का निरीक्षण एवं परिवेक्षण, कौशल विकास संबंधी कार्यवाही, नजूल प्रकरणों के नवीनीकरण संबंधी कार्यवाही, विभागीय जांच से संबंधित प्रकरण, स्थायी सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण-पत्र (जाति प्रमाण पत्र) के लिए द्वितीय अपीलीय अधिकारी, महामारी से विवाद, आबीर्टेशन आदि, रेल्वे कारिडोर-मध्यस्थता एवं सुलह अधिनियम 1996, नियमितीकरण-नगर निवेश का कार्य देखेंगे।