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एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में विनेश फोगाट-अंशु मलिक ने पहली बार हासिल किया गोल्ड मेडल

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अलमाटी
पिछले साल दिल्ली में आयोजित हुई प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतने वाली विनेश ने फाइनल में ताइपे की मेंग ह्सआन हसिह के खिलाफ 6-0 की बढ़त हासिल करने के बाद उसे पूरी तरह से चित कर दिया। इस प्रतियोगिता में ताइपे की इस खिलाड़ी पर विनेश की यह दूसरी जीत है। इससे पहले उन्होंने इस चैम्पियनशिप में अब तक सात पदक हासिल किए हैं जिसमें तीन रजत पदक शामिल हैं। पिछले दिनों इसी स्थल पर ओलंपिक कोटा हासिल करने वाली अंशु (57 किग्रा) ने फाइनल में मंगोलिया की बत्सेत्सेग अल्टांसेटसेग को 3-0 से पछाड़कर सीनियर वर्ग में एक और बड़ा पदक हासिल किया। फाइनल में मंगोलियाई खिलाड़ी के पास अंशु के आक्रमण का कोई जवाब नहीं था। विनेश ने शुरुआती चरण में मंगोलिया की ओटगोंजरगल गनबातर और हसिह के खिलाफ तकनीकी श्रेष्ठता से जीत दर्ज की, जबकि सेमीफाइनल में उनकी प्रतिद्वंद्वी की ह्युनयॉन्ग ओह चोट के कारण रिंग में नहीं उतरी। इससे पहले 19 साल की अंशु ने शुरुआती दो बाउट में उज्बेकिस्तान की सेवारा इश्मुरतोवा और किर्गिस्तान की नाजिरा मार्सबेक कयजी को तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर पटखनी देकर सेमीफाइनल में पहुंची।

सेमीफाइनल में वह अल्टांसेटसेग से वह 9-1 से आगे चल रही थीं जब रेफरी ने इस भारतीय खिलाड़ी को 'विक्ट्री बाय कौशन (प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी के जरूरत से ज्यादा आक्रामक रूख के कारण जीत) के कारण जीत प्रदान की। इससे पहले इस मंगोलियाई खिलाड़ी को तीन बार चेतावनी दी गई थी। ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक भी 65 किग्रा वर्ग के फाइनल में पहुंच गयी। वह अपने चहेते 62 किग्रा वर्ग में जगह बनाने में नाकाम रहने के बाद 65 किग्रा वर्ग में हाथ आजमा रही है। पहले दो मुकाबले तकनीकी श्रेष्ठता के जीतने के बाद साक्षी कोरिया की हैनबिट ली के खिलाफ 3-0 से आगे चल रही थीं। कोरियाई खिलाड़ी को हालांकि घुटने में चोट लग गई और वह प्रतियोगिता से बाहर हो गई। फाइनल में उनका सामना मंगोलिया की बोलोटुंगालाग जोरिग्ट से होगा। दिव्या काकरान भी यहां दमदार प्रदर्शन करते हुए तीसरे दौर में पहुंच गई। उन्होंने इस दौरान 72 किग्रा भारवर्ग में एशियाई चैम्पियन कजाखस्तान की झामिला बाकबेर्गेनोवा को 8-5 से हराया।

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