भोपालमध्य प्रदेश

एक दुल्हन से शादी करने बारी-बारी बारात लेकर पहुंचे सात दूल्हे……..

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भोपाल
कहते हैं कि एमपी अजब-गजब है। ऐसे में प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां सात अलग-अलग दूल्हे एक ही दुल्हन से शादी करने उसके घर पहुंचे। लेकिन न तो ससुरालीजन मिले, न शादी कराने वाले और न ही दुल्हन। इसके बाद वे अपनी समस्या लेकर पुलिस के पास पहुंचे तो कोलार पुलिस ने शादी कराने वाली संस्था के प्रबंधक पर फर्जीवाड़े का केस दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि सभी दूल्हों से शादी करवाने के नाम पर 20-20 हजार रुपये जमा करवाए गए थे।  जानकारी के अनुसार, मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में शगुन जन कल्याण सेवा समिति नाम की संस्था लोगों की शादी करवाने के नाम पास लाखों की ठगी करते थे। इसे समिति ने सात दूल्हों को एक ही दिन यानी 25 मार्च की तारीख को शादी कराने की बात कही थी। यह संस्था गरीब लड़कियों की शादी करने के बहाने ठगी का पूरा गिरोह चलाती थी। साथ ही लड़की पक्ष को लड़के भी दिखा दिए जाते थे। इसके लिए संस्था लड़के वालों से 20 हजार रुपये भी वसूलती थी। वहीं, जब बात शादी तक पहुंचती तो यह लड़की के परिजनों से कह देते कि लड़के ने शादी से मना कर दिया है। इसी को लेकर सात-सात अलग दूल्हे दी गयी तारीख पर बारात लेकर पहुंचे थे। लेकिन वहां कोई नहीं मिला, सबके सब गायब तो वहीं तय ससुराल में भी ताला लटका मिला। सब घंटों संस्था को, दुल्हन पक्ष के लोगों को फोन मिलाते रहे लेकिन कोई जवाब नहीं आया। ऐसे में ये पीड़ित अपनी शिकायत लेकर थाने पहुंचे।

टीआई चन्द्रभान ने मामले में जानकारी देते हुए बताया कि, शहर की एक संस्था शगुन जन कल्याण सेवा समिति नाम के नाम पर सात अलग-अलग लोगों की तरफ से शिकायत दर्ज कराई जा गई है। जिसमें शादी कराने को लेकर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के मुताबिक यह संस्था शहरों, कस्बों में पर्चे बांटकर लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचते थे और सभी से बात कर उन्हें कोलार के विनीत कुंज में स्थित अपने ऑफिस में बुलाते थे। वहां यह बताते थे कि हम गरीब बच्चियों की शादी करते हैं।  इसी मामले में भिंड के एक पीड़ित केशव ने बताया कि उन्हें सबसे पहले एक बस स्टैंड पर यह पर्चा मिला था। इसमें दर्ज नंबर पर जब उन्होने कॉल किया तो किसी रोशनी तिवारी नाम की महिला ने उनसे बात की और उन्हें अपने ऑफिस बुलाया। केशव ने बताया कि बीते 16 जनवरी को जब दोपहर वे ऑफिस पहुंचे तो उन्हें एक 25 वर्षीय लड़की दिखाई गई। इसके बाद रिश्ता तय हो गया था। रोशनी ने लड़की को अपनी बेटी बताया था। समिति ने शादी कराने के नाम पर 20 हजार रुपये लिए थे। जब वह शादी के लिए तय पते पर पहुंचे तो उन्हें वहां ताला लटका मिला। उन्होंने घंटो संस्था के लोगों को फोन मिलाया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला साथ ही समिति के ऑफिस में भी ताला लगा था। जब वह शिकायत करने थाने पहुंचे तो वहां पर उसी केस में छह और दूल्हों ने शिकायत की थी। जिनमें से दो आगरा, एक शिवपुरी और एक भिंड के थे।  टीआई के अनुसार, मामले में प्राथमिक जांच में सामने आया है कि, कुलदीप तिवारी और उसकी पत्नी रोशनी तिवारी शगुन जन कल्याण सेवा समिति संचालित चलाते हैं औए एक अन्य रिंकू सेन लोगों को स्वयं को संस्था का कर्मचारी बताता था। रोशनी तिवारी लड़कियों की मां बनकर फरियादियों को ठगती थी। अब इस फर्जीवाड़े को लेकर पुलिस ने संस्था के संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

 

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