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ऊर्जा मंत्री जी बिना लायसेंस बिजली के खंबे पर चढ़ना अपराध है: जीतू पटवारी

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भोपाल
 मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष, मीडिया प्रभारी व पूर्वमंत्री जीतू पटवारी ने प्रदेश में बढ़ने वाले बिजली के दामों पर आपत्ति जताई है। जीतू पटवारी ने कहा कि मोदी सरकार बिजली को लेकर पेट्रोल और डीजल की कीमतों की तरह व्यापरियों द्वारा दाम तय करने का विधेयक लाने जा रही है। जिसके बाद बिजली की कीमतों पर भी सरकार का नियंत्रण खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि ऊर्जा मंत्री अपना काम छोड़कर खंबो पर चढ़ रहे है,जो अपराध है तीन साल की सजा है लेकिन उन्हें प्रदेश में बिगड़ती बिजली व्यवस्था की चिंता नहीं है। जीतू पटवारी ने कहा कि प्रदेश में यह पहली बार ही होगा जब 6 माह में दूसरी बार बिजली के बिलों में बढ़ोतरी की जाएगी। उन्होंने कहा कि बिजली के बिलों में बढोत्तरी कर सरकार लोगों की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रही है।

जीतू पटवारी ने कहा कि सिंगाजी पॉवर प्लांट सहित 60 फीसदी पावर प्लांट बंद पड़े हैं। इस  वजह से सरकार को हर माह 5 करोड़ रुपए का घाटा हो रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने 17 साल के कार्यकाल में मात्र एक  सिंगाजी विद्युत प्लांट बनाया वह भी 10 माह से बंद है जिसकी वजह से 1500 करोड़ का नुकसान हो चुका है। निजी बिजली सप्लायर को फायदा पहुंचाने के लिये शासकीय पावर प्लांट बंद हैं ,जिसका बोझ एक करोड़ ईमानदार उपभोक्ताओं पर थोपा जा रहा है।जिसे मैंने विधानसभा सत्र के दौरान उठाया था। जीतू पटवारी ने कहा कि शिवराज सरकार से अपील है कि जनहित में बिजली की दरों में बढोत्तरी न करें।

कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस दौरान वैक्सिनेशन महाअभियान को लेकर भी सवाल खड़े किए। जीतू पटवारी ने कहा कि महाअभियान शुरू होने से पहले चार दिन में 85 हजार और महाअभियान के पहले ही दिन 80 लाख लोगों को वैक्सीन लगना कही न कही सवाल खड़े करता है। उन्होंने कहा कि 20 जून को सिर्फ 692 डोज लगाई गई वही 21 जून को वैक्सिनेशन महाअभियान के तहत रिकार्ड बनाने के लिए प्रदेश में लगभग 17 लाख लोगों ने वैक्सीन लगवाई। यह आंकड़े तो  सकारात्मक हैं किंतु जान बचाने के इस महाअभियान में हाली डे क्यों?क्या तीसरी लहर से बचने के लिये हर दिन आवश्यक नहीं?

जीतू पटवारी ने कहा कि मध्यप्रदेश की शिवराज कैबिनेट में मंत्रियों की बिल्कुल भी नहीं चलती सिर्फ मुख्यमंत्री की तानाशाही चलती है जो पिछली केबिनेट में देखने को मिला जब गृहमंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने मुख्यमंत्री के फैसले पर सवाल खड़े करते हुए पाइप खरीदी में भ्रष्टाचार की बात को सार्वजनिक तौर पर कहा मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह की तानाशाही वाली सरकार चल रही है जहां कैबिनेट मंत्रियों की भी नहीं सुनी जाती।कल की केविनेट में भी रेत ठेकेदार और माफिया पर मेहरबानी के सवाल उठे हैं।

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