भोपालमध्य प्रदेश

ई-संजीवनी काल सेंटर से जुड़ेंगे होम आइसोलेशन वाले मरीज: CM शिवराज

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भोपाल
कोविड नियंत्रण की तैयारियों और जरूरतों के मद्देनजर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात की है। पीएम ने उन्हें जरूरी मदद का आश्वासन दिया है। लेकिन इस बीच कोविड नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार ने गेंद राज्यों के पाले में डाल दी है।

प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से बात की। पीएम से चर्चा के दौरान प्रदेश में आक्सीजन और रेमडीसिविर इंजेक्शन की सप्लाई और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सहयोग मांगा जिस पर प्रधानमंत्री ने आश्वस्त किया है।  

रक्षामंत्री राजनाथ से आर्मी अस्पतालों के सामान्य प्रयोग को लेकर चर्चा की गई जिस पर रक्षामंत्री सिंह ने आश्वस्त किया कि प्रदेश के आर्मी अस्पतालों की सेवाएं संक्रमण के दौरान जनता के लिए खोली जाएंगी। आर्मी के अफसर आज ही सीएम चौहान से चर्चा करेंगे। उधर सीएम चौहान ने तय किया है कि प्रदेश के बड़े नगरों भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर व अन्य स्थानों पर इंदौर की तर्ज पर स्वयं सेवी संस्थाओं की मदद से 2000 बिस्तर के अस्पताल खोले जाएंगे। साथ ही इंदौर के राधा स्वामी सत्संग न्यास के 2 हजार बिस्तर के अस्पताल की क्षमता 8 हजार बिस्तर की किए जाने की तैयारी है।

सीएम शिवराज के निर्देश पर आज से प्रदेश भर में होम आइसोलेशन पर कोरोना का उपचार ले रहे मरीजों को ई संजीवनी काल सेंटर की सेवा मिलने लगेगी। इसमें मरीजों से डॉक्टर संवाद करेंगे और टेलिमेडिसिन के जरिये दवाओं की जानकारी देंगे। साथ ही अन्य उपचार के तरीके भी बताएंगे।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने केंद्र सरकार से रेलवे के जरिये आक्सीजन की आपूर्ति कराने का अनुरोध किया था। रेलमंत्री पियूष गोयल ने आज से आक्सीजन एक्सप्रेस चलाने की बात कही है। रेलवे मंत्रालय के अफसरों ने कहा है कि 19 अप्रैल को खाली टैंकर चलेंगे, इसके बाद जहां  मांग होगी, आॅक्सीजन भेजी जाएगी।

आॅक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों के तीव्र संचालन के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया जा रहा है। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की सरकारों ने इससे पहले रेलवे से पूछा था कि क्या उसके रेल नेटवर्क के जरिये तरल मेडिकल आॅक्सीजन टैंकरों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है। इसलिए इन राज्यों को प्राथमिकता मिल सकती है।

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