इंदौर-बैतूल हाईवे की जमीन की खरीदी-बिक्री पर रोक
देवास
इंदौर-बैतूल नेशनल हाईवे को फोरलेन बनाने के लिए इंदौर से हरदा के बीच आने वाले बागली तहसील की सीमा करनावद से लेकर खेड़ाखाल के लगभग 40 किलोमीटर के मार्ग पर 14 गांवों के 100 से अधिक खाता नंबर की भूमि जो नेशनल हाईवे के प्रस्तावित मार्ग के आसपास आ रही, उनकी रजिस्ट्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। अनुविभागीय अधिकारी अरविंद चौहान ने बताया कि इससे भूमाफिया और जालसाजी कर सौदे होने पर रोक लगेगी। अधिग्रहण की विधिवत सूचना होने तक जानकारी के अभाव में लोग अब इस क्षेत्र में भूमि आदि की खरीदी-बिक्री में सावधान हो जाएंगे और आर्थिक नुकसान से भी बच पाएंगे। उन्होंने बताया कि हाईवे का सर्वे एवं अन्य वैधानिक कार्य प्रगति पर है। भूमि अधिग्रहण और टेंडरिंग सहित अन्य प्रक्रिया में वक्त लगेगा, तब तक रजिस्ट्री पर रोक रहेगी।
अधिग्रहण की तैयारी : इंदौर-बैतूल नेशनल हाईवे को फोरलेन बनाने के लिए इंदौर से हरदा तक के 141 किलोमीटर के हिस्से में काम शुरू होने जा रहा है। कुछ जगह शुरू भी हुआ और कुछ मार्ग पर भूमि अधिग्रहण की तैयारी अंतिम चरण में आ चुकी है। कार्य प्रारंभ होने में एक साल से ज्यादा वक्त लगेगा।
इन गांवों की जमीन की रजिस्ट्री पर लगाई रोक : प्रस्तावित नेशनल हाईवे में आने वाले इन 14 गांवों के कुछ हिस्सों की रजिस्ट्री पर रोक लगाई है। इनमें करनावद, भमौरी, इकलेरा, चापड़ा, अमरपुरा, पीपल्यासाहेब, पीपल्याजान, मातमोर, बेड़ामऊ, पोलाय, बड़ी, खेड़ाखाल, गड़बड़ी, धनतालाब हैं।
कुछ हिस्से की जमीन की पर रजिस्ट्री पर रोक लगी
रजिस्ट्रार अधिकारी जयसिंह गाड़वे ने बताया वर्तमान इंदौर-हरदा मार्ग पर बागली तहसील से गुजर रहे रोड का अधिकांश हिस्सा प्रभावित नहीं होगा। करनावद, भमौरी, चापड़ा, अमरपुरा, मातमोर, पोलाय, बड़ी, आगुरली, खेड़ा वाला मार्ग है, वह यथावत रहेगा। इस मार्ग के कुछ हिस्से की जमीन पर रजिस्ट्री पर रोक लगी है। नया नेशनल हाईवे चापड़ा और हाटपीपल्या के बीच अलग से खेत और जंगल की भूमि में ही बनेगा। यही से रेलवे लाइन भी प्रस्तावित है।