इंदौर आरटीओ ने पुराने 87 वाहन को एक करोड़ 95 लाख में बेचा

इंदौर
प्रदेश सरकार को सालाना करीब 550 करोड़ का राजस्व देने वाले इंदौर आरटीओ के कबाड़ हो चुके 87 वाहन एक करोड़ 95 लाख रुपये में बिके। इन्हें बेचने के लिए नीलामी प्रकिया शुरू की गई थी। इनका न्यूनतम मूल्य 38 लाख रुपये रखा गया था। अधिकारी उम्मीद कर रहे थे कि कबाड़ करीब 50 लाख रुपये में बिक जाएगा। मंगलवार को निविदाएं खोली गईं, तो कबाड़ एक करोड़ 95 लाख रुपये में बिका। अधिकारी भी हैरान हैं कि आखिर भोपाल की कंपनी ने इतनी अधिक कीमत पर यह कबाड़ क्यों लिया है। हालांकि उम्मीद कम है कि कंपनी भुगतान कर यह कबाड़ उठाएगी।
आरटीओ के पुराने कार्यालय में खड़े 87 वाहनों को विजय नगर से नायता मुंडला में लाकर खड़ा किया गया था। यहां कई साल से ये वाहन खड़े थे। इससे जगह भी खराब हो रही थी। अब यहां नया ट्रैक बनाया जाना है। इन वाहनों को चेकिंग के दौरान वर्षों पहले जब्त किया गया था, लेकिन इनके मालिक लेने ही नहीं आए। इतने सालों से पड़े-पड़े ये वाहन खराब हो गए। आरटीओ ने नीलामी शुरू की। सोमवार को आखिरी दिन तक करीब 225 निविदा फार्म बिक गए थे। मंगलवार शाम 4 बजे निविदा खोली गई।
भंगार भी 55 रुपये किलो में बिका – आरटीओ जितेन्द्र सिंह रघुवंशी ने बताया कि कुल 61 फार्म जमा हुए थे। इनमें से भोपाल की फर्म गुडविल इंटरप्राइजेस ने एक करोड़ 95 लाख 55 हजार 555 रुपये में ये कबाड़ हो चुके वाहन खरीद लिए। खुले में पड़े भंगार को 25 रुपये किलो में बेचने के लिए निविदा मंगवाई थी। उसे एमएच डिस्पोजल नामक फर्म ने 55 रुपये किलो में खरीद लिया। हमें उम्मीद नहीं थी कि ये वाहन इतनी कीमत पर बिक जाएंगे। अब कंपनी को आर्डर शीट दी जाएगी। इसके बाद 20 दिन में उसे शेष राशि जमा कर ये वाहन उठवाने होंगे।
कबाड़ उठाने पर शंका – परिवहन विभाग के सूत्रों का कहना है कि भोपाल की कंपनी राशि चुका कर यह कबाड़ उठाएगी, इस बात की संभावना कम है। कुछ माह पहले देवास में भी इस तरह की नीलामी होने पर इंदौर की एक कंपनी ने टेंडर उठा लिया था, जबकि भोपाल की कंपनी पीछे रह गई थी। इसी के चलते यहां भोपाल की कंपनी ने ज्यादा बोली लगा दी है। इंदौर आरटीओ की नीलामी में भोपाल की कंपनी के बाद इंदौर की कंपनी ने करीब डेढ़ करोड़ में यह कबाड़ लेने की निविदा लगाई है, लेकिन उसका डिमांड ड्राफ्ट शर्तों का पूरा नहीं करता है। इससे उम्मीद है कि फिर से यह प्रकिया करनी होगी।