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आरटी-पीसीआर टेस्ट से भी नहीं डिटेक्ट हो रहा कोरोना, सीटी स्कैन कराने पर हो रही पुष्टि

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नई दिल्ली
देशभर में हर दिन कोरोना की लहर की चपेट में 2 लाख से ज्यादा लोग आ रहे हैं। कई लोगों की शिकायत है कि आरटी-पीसीआर टेस्टिंग के बाद भी उनके परिजनों की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ रही है, बाद में सीटी स्कैन कराने पर कोरोना संक्रमण का पता चल रहा है। हालांकि इसके उलट स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि सीटी स्कैन भारत में हर तरह के कोरोना वेरियंट को डिटेक्ट कर सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था कि आरटी-पीसीआर टेस्ट कोरोना के यूके, अफ्रीका, ब्राजील या डबल म्यूटेंट वेरिएंट का पता लगाने में असफल नहीं रहता है। हालांकि सरकारी दावे के उलट सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि कई बार आरटी-पीसीआर टेस्ट में भी कोरोना संक्रमण की पुष्टि नहीं हो रही है। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स के अनुसार कई मामलों में आगे सीटी स्कैन कराने पर ही कोरोना की पुष्टि हो रही है।

पेश से पत्रकार विक्रांत यादव ने ट्विटर पर लिखा है कि उनकी मां को कोरोना के लक्षण थे, जिसके बाद उनका टेस्ट करवाया गया, लेकिन आरटी-पीसीआर टेस्ट में रिपोर्ट निगेटिव आई। उन्होंने आगे लिखा है कि तबीयत बिगड़ने पर वो अपनी मां को लेकेर अस्पताल लेकर गए, लेकिन अस्पताल ने कोरोना निगेटिव सर्टिफिकेट के बावजूद भी उनका इलाज करने से पहले सीटी स्कैन कराने को कहा। सीटी स्कैन में उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई, जिसके बाद अस्पताल ने बेड ना होने की बात कहकर बिना इलाज के लौटा दिया। वहीं सतीश नाम के एक यूजर ने लिखा है, 'मेर सास और सुसर दोनों की हालत गंभीर है। मेर सुसर की आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव है, जबकि सास की निगेटिव है। सीटी स्कैन से सास को कोरोना की पुष्टि हुई है। दोनों के लिए बिस्तर नहीं मिल रहा है, मदद कीजिए। एक और पत्रकार अनीषा बेदी ने मदद के लिए ट्वीट करते हुए कहा, 'एक दोस्त की 73 साल की आंटी के तुरंत आसीयू बेड का आवश्यकता है, उनका ऑक्सीनज लेवल लगातार गिरकर 63 पर पहुंच गया है। उनका स्वाब टेस्ट निगेटिव है, लेकिन फेफड़ों में धब्बे आ गए हैं।'

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