अब बदलने जा रहा नेकी की दीवारों का स्वरुप, सरकारी भवन, परिसर में होगा संचालन
भोपाल
खुली सड़कों के किनारे, सरकारी भवनों की दीवारों के भरोसे चल रही नेकी की दीवारों का स्वरुप अब बदलने जा रहा है। इनका संचालन अब शासकीय भवनों और परिसर के भीतर किया जाएगा। स्वयंसेवी संस्थाओं को इनके संचालन से जोड़ा जाएगा और यहां कई तरह की बहुआयामी गतिविधियों का संचालन भी किया जाएगा ताकि आमजनता इनसे ज्यादा से ज्यादा जुड़े। यह सबकुछ बिना किसी सरकारी खर्च के जनसहयोग से किया जाएगा।
प्रदेश में 172 नेकी की दीवारें संचालित हो रही है। राज्य आनंद संस्थान की पहल पर नेकी की दीवारों की परिकल्पना की गई थी। नेकी की दीवार पर आम जन गरीबों की मदद करने के उद्देश्य से कपड़े, जूते-चप्पल, बर्तन, बिस्तर, कंबल, चश्मे,टोपी, खाना , दवाएं और अन्य ऐसी सामग्री छोड़कर जाते है जो उनके पास अधिकता में है। इन चीजों को शहर और गांव के आम जरुरतमंद नेकी की दीवार के पास पहुंचकर यहां से उठा ले जाते है। लेकिन अभी तक प्रदेश में खुली अधिकांश नेकी की दीवार खुली सड़क पर संचालित हो रहे है। वहां उन्हें देखने वाला कोई कर्मचारी नहीं होता। वहां रखी गई वस्तुएं बारिश, धूप, धूल से सुरक्षित नहीं होने के कारण खराब हो जाती है।
अब आनंदम केन्द्र और नेकी की दीवार को एक साथ शामिल करते हुए इनसे स्वयंसेवी संस्थाओं को जोड़ा जाएगा। यह स्वयंसेवी संस्थाएं और आनंद क्लब, आईक्लीन टीम, हैप्पीनेस क्लब, मन्नत वेलफेयर, हेल्पिंग हेंडस और अन्य सामाजिक संस्थाएं भी इस नेकी की दीवार के साथ जोड़ी जाएंगी। स्कूल, आंगनबाड़ी, पंचायत भवन, नगर निगम, नगर पालिका , नगर परिषद के दफ्तर,वार्ड कार्यालय,सरकारी वाचनालय के भवन और अन्य सरकारी भवन के खाली कमरे जो शहर में बेहतर लोकेशन पर स्थित है। जहां आम आदमी की पहुंच आसानी से हो सके। वहां इस नेकी की दीवार का संचालन किया जाएगा।
स्कूल, आंगनबाड़ी, पंचायत भवन, नगर निगम, नगर पालिका , नगर परिषद के दफ्तर, वार्ड कार्यालय,सरकारी वाचनालय के भवन और अन्य सरकारी भवन के खाली कमरे जो शहर में बेहतर लोकेशन पर स्थित है। जहां आम आदमी की पहुंच आसानी से हो सके। वहां इस नेकी की दीवार का संचालन किया जाएगा।
राज्य आनंद संस्थान का मकसद यह है कि सरकारी भवन या परिसर में नेकी की दीवार का संचालन होंने से आम जनता द्वारा वहां छोड़ी गई वस्तुओं की देखरेख अच्छे से हो सकेगी। ये वस्तुएं बारिश, धूल, धूप से बच सकेंगी। यहां पुस्तकें, कापियां, ड्राइंग कापियां रखी जाएंगी। संगीत,नृत्य, हस्तशिल्प निर्माण, नाटक और अन्य गतिविधियां यहां संचालित की जाएंगी। आम लोगों को खुश करने की अन्य गतिविधियां भी यहां शुरु होंगी जिससे लोग यहां ज्यादा से ज्यादा संख्या में आएंगे और नेकी की दीवार से जुड़ेंगे।