जबलपुरमध्य प्रदेश

अब्दुल रज्जाक की पेशी के दौरान जबलपुर कोर्ट में हंगामा

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जबलपुर
हिस्ट्रीशीटर और कुख्यात बदमाश अब्दुल रज्जाक की गिरफ्तारी और 28 अगस्त को कोर्ट में पेशी के दौरान हुए उपद्रव के मामले में पुलिस एक्शन के मूड में है. पुलिस ने अब्दुल रज्जाक के बेटे मोहम्मद सरताज सहित 6 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है. पुलिस पड़ताल में इस बात का खुलासा हुआ है कि दुबई में बैठे अब्दुल रज्जाक के बेटे सरताज ने ही अपने गुर्गों को फोन कर जिला अदालत परिसर में उपद्रव मचाने का हुक्म दिया था. वहीं रज्जाक के घर से मिले विदेशी हथियारों के साथ चल अचल-संपत्ति और उसके नेटवर्क को खंगालने का काम भी शुरू हो चुका है.

एएसपी रोहित खाशवानी ने बताया कि हिस्ट्रीशीटर और कुख्यात बदमाश अब्दुल रज्जाक की अदालत में पेशी के दौरान हुए हंगामे और उपद्रव के मामले में पुलिस ने उसके बेटे मोहम्मद सरताज सहित उसके 6 गुर्गों और 25 अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. पुलिस एफआईआर में इस बात का खास तौर पर जिक्र किया गया है कि अब्दुल रज्जाक की गिरफ्तारी से भड़के उसके गुर्गे जैसे ही जिला अदालत के अंदर पहुंचे तो वे आपस में यह चर्चा करते रहे कि उन्हें सरताज भाई ने भेजा है. इस उपद्रव और हंगामे के दौरान रज्जाक के समर्थकों ने अदालत की सुरक्षा में तैनात एक पुलिसकर्मी से भी मारपीट और बदसलूकी की थी. पुलिस के मुताबिक हिस्ट्रीशीटर अब्दुल रज्जाक का बेटा मोहम्मद सरताज इन दिनों दुबई में रह रहा है. लिहाजा पुलिस अब उसे पकड़ने की योजना बना रही है.

एएसपी के मुताबिक, अब्दुल रज्जाक के बेटे सरताज पर पहले से ही कई आपराधिक मामले लंबित हैं. सरताज पर एनएसए के तहत भी कार्रवाई की जा चुकी है. वहीं रज्जाक के घर से मिले विदेशी हथियारों के साथ चल-अचल संपत्ति और रज्जाक के नेटवर्क का पता लगाने के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. 17 सदस्यीय एसआईटी की टीम जहां यह पता लगा रही है कि हिस्ट्रीशीटर अब्दुल रज्जाक के घर से बरामद की गई इटली और अमेरिका की राइफल जबलपुर तक कैसे पहुंची, वहीं रज्जाक के पास मिले कई हथियारों के लाइसेंस दूसरे जिलों से कैसे बने – इसका भी पता लगाया जा रहा है.

सूत्रों के मुताबिक, अब्दुल रज्जाक और उसके बेटे सरताज के नेटवर्क दाऊद से भी जुड़े होने की बात कही जा रही है. बताया जा रहा है कि अब्दुल रज्जाक ने 31 वर्ष पहले टोल बैरियर से ठेकेदारी शुरू की और तो फिर मुड़कर नहीं देखा. उसके अपराध और ठेके साथ-साथ बढ़े. अब्दुल रज्जाक ने कई बेनामी संपत्ति अपने करीबियों और 100 से अधिक फर्जी कंपनियां के नाम पर बनाई है. रज्जाक ने सीधी में ग्रेनाइट का 800 हेक्टेयर में खनन पट्‌टा ले रखा है. अनूपपुर-शहडोल में भी उसके ग्रेनाइट व आयरन के 16 पट्‌टे हैं. बैतूल, शहगढ़ सागर, कटनी छपरा, स्लिमनाबाद, बहोरीबंद, सिहोरा, नरसिंहपुर, देवास, छतरपुर में बड़े पैमाने पर लीज ले रखी है. पिछले 12 वर्षों में 165 खनिज पट्‌टे करवा कर खुद भी खनन कर रहा है, बेटे से भी करवा रहा है.

आरोपी को माइनिंग से ही करोड़ रुपये की कमाई हर महीने होती है. रज्जाक के मुंबई-गोवा, हैदराबाद समेत देश के कई दूसरे शहरों में कारोबार हैं. रज्जाक के विरार मुंबई के भाई ठाकुर और वहीं के राजू भाई से कारोबारी रिश्ते हैं. राजू विरार और भाई ठाकुर के बारे में कहा जाता है कि दोनों दाउद इब्राहिम की डी-कंपनी से जुड़े हैं. आरोपी ने जबलपुर, सिहोरा, कटनी, नरसिंहपुर जिले में पिछले 10 सालों में सैकड़ों एकड़ भूमि खरीदी है.

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