अनारक्षित कैटेगरी में पदस्थ अधिकारी-कर्मचारी की रिपोर्ट तलब, कोर्ट ने भी बुलाई जानकारी
भोपाल
ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की कवायद के बीच राज्य सरकार कई विभागों में अनारक्षित कोटे में पदस्थ आरक्षित संवर्ग के अधिकारियों, कर्मचारियों की जानकारी जुटा रही है। आरक्षित कोटे एससी, एसटी, ओबीसी के अधिकारियों और कर्मचारियों की यह जानकारी जुटाने की शुरुआत जल संसाधन और किसान कल्याण और कृषि विकास विभाग में अंतिम दौर में है। इन विभागों में ऐसे कर्मचारियों की संख्या को लेकर हाईकोर्ट में दायर एक केस में जानकारी मांगी गई है, जिसके बाद जीएडी ने इससे संबंधित रिपोर्ट संबंधित विभागों से मांगी है।
इस मामले में जीएडी द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि किसान कल्याण और कृषि विकास विभाग तथा जल संसाधन विभाग के ऐसे अधिकारी, कर्मचारियों की प्रथम, द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ श्रेणी वार जानकारी भेजी जाए जिनका चयन एससी, एसटी, ओबीसी के आरक्षित पदों के विरुद्ध नहीं हुआ है (यानी अनारक्षित श्रेणी में हुआ है) और वे अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी में आते हैं।
यह जानकारी जीएडी ने रिट याचिका क्रमांक 12046/2020 के परिप्रेक्ष्य में अनुसूचित जाति जनजाति पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक अधिकारी संगठन बनाम मध्यप्रदेश शासन के तारतम्य में एकत्र करने के निर्देश दिए हैं। माना जा रहा है कि अब इस मामले में बाकी विभागों में अनारक्षित पदों के विरुद्ध पदस्थ आरक्षित कैटेगरी एससी, एसटी, ओबीसी वर्ग के अधिकारियों व कर्मचारियों की जानकारी भी जुटाने का काम जल्द शुरू किया जाएगा क्योंकि सरकार इन श्रेणी के लोगों को मिले रोजगार के मामले में जानकारी लेना चाहती है।
ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की राज्य सरकार की तैयारी के विरोध में सोशल मीडिया के फेसबुक, व्हाट्सएप ग्रुप्स पर विरोध भी शुरू हो गया है। विरोध करने वाले युवाओं का कहना है कि इन हालातों में अनारक्षित श्रेणी के युवाओं के भविष्य के लिए सरकार की प्लानिंग क्या है? सरकार पहले यह तय करे। साथ ही यह कैम्पेन भी सोशल मीडिया में चलाया जा रहा है कि सरकार जब आरक्षण बढ़ा रही है तो अनारक्षित श्रेणी में इन वर्गों को दिया जाने वाला आरक्षण खत्म किया जाए ताकि कहीं तो अनारक्षित वर्ग के लोगों को राहत मिल सके।